आज पूरा भारत 'गणपति बप्पा मोरया' के जयकारों से गूंज रहा है! गणेश चतुर्थी का पावन पर्व शुरू हो चुका है, जहां लाखों भक्त विघ्नहर्ता गणेश जी की आराधना में लीन हैं। महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक और पूरे देश में पंडाल सज चुके हैं, मूर्तियां स्थापित हो रही हैं और मोदक की मिठास हवा में घुल रही है। अगर आप भी इस साल गणेश चतुर्थी को और यादगार बनाना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं इस त्योहार का महत्व, पूजा विधि और कैसे मनाएं पर्यावरण-अनुकूल उत्सव।
गणेश चतुर्थी का महत्व: क्यों है ये पर्व हर भारतीय के दिल के करीब?
गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने मिट्टी से गणेश जी की रचना की थी, जो बाद में विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते हैं। ये पर्व न केवल बाधाओं को दूर करने का प्रतीक है, बल्कि नई शुरुआत, बुद्धि और समृद्धि का भी संदेश देता है।
2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर (अनंत चतुर्दशी) तक चलेगी। इस दौरान लोग 1.5 दिन, 3 दिन, 5 दिन या पूरे 10 दिन तक गणेश जी की पूजा करते हैं। खासकर मुंबई, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में सार्वजनिक पंडालों में लाखों लोग जुटते हैं, जहां लालबागचा राजा जैसी प्रसिद्ध मूर्तियां आकर्षण का केंद्र बनती हैं। इस साल, पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कई जगहों पर ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्तियां लोकप्रिय हो रही हैं, जो मिट्टी या कागज से बनाई जाती हैं।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि: घर पर ऐसे करें आसान पूजन
अगर आप घर पर गणेश चतुर्थी मना रहे हैं, तो ये सरल विधि अपनाएं। याद रखें, पूजा सुबह के समय शुभ मुहूर्त में करें – आज का शुभ समय सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक है।
1. तैयारी: घर को साफ-सुथरा करें। लाल कपड़े से चौकी सजाएं और गणेश जी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। सामग्री में मोदक, दूर्वा घास, फूल, फल, अगरबत्ती और घी का दीपक रखें।
2. संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लें कि आप कितने दिनों तक पूजा करेंगे।
3. पूजा: 'ओम गं गणपतये नमः' मंत्र जपते हुए गणेश जी को स्नान कराएं। आरती गाएं – 'जय गणेश जय गणेश देवा'। मोदक और अन्य नैवेद्य चढ़ाएं।
4. विसर्जन: अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी पर मूर्ति का विसर्जन करें, लेकिन ईको-फ्रेंडली तरीके से – घर पर ही पानी में विसर्जित करें या कृत्रिम तालाबों का उपयोग करें।
ये विधि न केवल सरल है बल्कि बच्चों को भी सिखाने लायक है, जिससे परिवार में खुशियां दोगुनी हो जाती हैं।
गणेश चतुर्थी उत्सव की धूम: महाराष्ट्र से दिल्ली तक जश्न का माहौल
इस साल गणेश चतुर्थी पर पूरे देश में उत्साह चरम पर है। मुंबई में प्रसिद्ध लालबागचा राजा पंडाल में हजारों भक्त दर्शन के लिए कतार में हैं, जबकि पुणे में ढोल-ताशों की थाप पर नाच-गाना जारी है। दक्षिण भारत में, खासकर कर्नाटक और तेलंगाना में, घरेलू पूजा के साथ सामुदायिक भोज आयोजित हो रहे हैं। दिल्ली और उत्तर भारत में भी गणेश मंदिरों में विशेष आयोजन हैं।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ने से, कई सेलिब्रिटी जैसे अमिताभ बच्चन और प्रियंका चोपड़ा सोशल मीडिया पर ईको-फ्रेंडली गणेश पूजा को प्रमोट कर रहे हैं। प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की बजाय प्राकृतिक सामग्री से बनी मूर्तियां नदियों को प्रदूषित होने से बचाती हैं। अगर आप भी शामिल होना चाहते हैं, तो लोकल बाजारों में ऐसी मूर्तियां आसानी से मिल जाएंगी।
गणेश चतुर्थी और ज्योतिष: क्या कहते हैं आपके सितारे?
गणेश चतुर्थी के दौरान ज्योतिषीय दृष्टि से, शुक्र और प्लूटो की युति व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा दे रही है। मेष राशि वालों के लिए करियर में नई शुरुआत, जबकि वृषभ राशि वालों को वित्तीय लाभ हो सकता है। पूजा के समय गणेश मंत्र जपने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। अगर आपका जन्मदिन इस期间 पड़ता है, तो ये आपके लिए और शुभ है!
आगामी हिंदू त्योहार: उत्सवों की सिलसिला जारी
गणेश चतुर्थी के बाद, 31 अगस्त को राधा अष्टमी, 4-5 सितंबर को ओणम और 22 सितंबर से नवरात्रि शुरू होंगी। ये सभी पर्व एकता और खुशी का संदेश देते हैं।
गणपति बप्पा मोरया! इस गणेश चतुर्थी पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। अगर आप अपनी पूजा की फोटोज शेयर करना चाहें, तो सोशल मीडिया पर #GaneshChaturthi2025 का इस्तेमाल करें। सुरक्षित और खुशहाल उत्सव मनाएं!