गणेश विसर्जन 2025: आज की धूमधाम और सितंबर के आगामी हिंदू त्योहारों की पूरी लिस्ट!

Muskan
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भारत में त्योहारों का मौसम हमेशा जोश और उमंग से भरा रहता है, और आज का दिन खास है! गणेश चतुर्थी के समापन पर गणेश विसर्जन की धूम मची हुई है। लाखों भक्त गणपति बप्पा को विदाई दे रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में और भी कई महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार हमें जोड़ेंगे परिवार और परंपराओं से। अगर आप सितंबर 2025 के हिंदू त्योहारों की तारीखें और महत्व जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आइए जानते हैं आज के उत्सव और आगामी पर्वों के बारे में विस्तार से।


आज का मुख्य उत्सव: गणेश विसर्जन की भावुक विदाई

आज 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के साथ गणेश विसर्जन मनाया जा रहा है। यह दिन गणेश चतुर्थी के 10 दिनों के उत्सव का समापन है, जहां भक्त गणपति बप्पा की मूर्तियों को जल में विसर्जित करते हैं। मुंबई, पुणे और अन्य शहरों में जुलूस, नाच-गाना और 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' के नारों से वातावरण गूंज रहा है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, कई जगहों पर इको-फ्रेंडली विसर्जन हो रहा है, जैसे कृत्रिम तालाबों में। यह त्योहार बाधाओं को दूर करने वाले गणेश जी की पूजा का प्रतीक है और परिवारों को एकजुट करता है। अगर आप घर पर हैं, तो आज शाम को विसर्जन की लाइव स्ट्रीमिंग देखकर शामिल हो सकते हैं!


सितंबर 2025 के आगामी हिंदू त्योहार: पितृ पक्ष से नवरात्रि तक

सितंबर 2025 हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद और आश्विन मास से जुड़ा है, जिसमें कई व्रत, पूजा और श्राद्ध शामिल हैं। यहां प्रमुख त्योहारों की सूची है, जो आपके कैलेंडर में मार्क करने लायक हैं:

पितृ पक्ष की शुरुआत (8 सितंबर 2025, सोमवार): पितरों को समर्पित यह 16 दिनों का श्राद्ध पक्ष है, जहां पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और दान किया जाता है। यह समय परिवार की जड़ों को याद करने का है।

संकष्टी चतुर्थी (10 सितंबर 2025, बुधवार): गणेश जी को समर्पित यह व्रत चंद्रमा के दर्शन के साथ संपन्न होता है। भक्तों के लिए विघ्नहर्ता की कृपा पाने का अवसर।

भरणी श्राद्ध (11 सितंबर 2025, गुरुवार): पितृ पक्ष के दौरान विशेष श्राद्ध, जहां पूर्वजों को भोजन अर्पित किया जाता है।

रोहिणी व्रत, कालाष्टमी और महालक्ष्मी व्रत समापन (14 सितंबर 2025, रविवार): रोहिणी व्रत जैन समुदाय में महत्वपूर्ण है, जबकि कालाष्टमी भैरव पूजा के लिए। महालक्ष्मी व्रत का समापन धन-समृद्धि की कामना के साथ।

विश्वकर्मा जयंती (17 सितंबर 2025, बुधवार): शिल्पकारों और इंजीनियरों का त्योहार, जहां विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है।

महalaya अमावस्या (21 सितंबर 2025, रविवार): पितृ पक्ष का समापन, जहां पूर्वजों को अंतिम श्रद्धांजलि दी जाती है।

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत (22 सितंबर 2025, सोमवार): दुर्गा पूजा का नौ दिनों का उत्सव शुरू होता है, जो विजयादशमी तक चलेगा। गरबा, डांडिया और मां दुर्गा की आराधना से घर-घर में खुशियां।


इसके अलावा, 7 सितंबर को पूर्णिमा व्रत और चंद्र ग्रहण, 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी जैसी अन्य तिथियां भी महत्वपूर्ण हैं। ये त्योहार न केवल धार्मिक हैं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और पारिवारिक बंधन को मजबूत करते हैं।


क्यों हैं ये त्योहार महत्वपूर्ण? भारतीय संस्कृति की झलक


हिंदू त्योहार हमें प्रकृति, पूर्वजों और देवताओं से जोड़ते हैं। गणेश विसर्जन जैसे पर्व पर्यावरण जागरूकता बढ़ाते हैं, जबकि पितृ पक्ष हमें अपनी जड़ों की याद दिलाता है। नवरात्रि ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है। इस सितंबर में, इन उत्सवों को मनाकर जीवन में सकारात्मकता लाएं। अगर आप ट्रैवल प्लान कर रहे हैं, तो मुंबई के लालबागचा राजा या गुजरात के गरबा इवेंट्स को मिस न करें!


अधिक जानकारी के लिए अपने पंचांग से सलाह लें और सुरक्षित तरीके से त्योहार मनाएं। गणपति बप्पा मोरया!

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