Onam 2025: समृद्धि और खुशहाली का पर्व, जानें ओणम का महत्व और खासियत

Muskan
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भारत अपनी विविध संस्कृति और परंपराओं के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। इन्हीं में से एक है ओणम (Onam 2025) – केरल का सबसे बड़ा और रंगीन त्योहार। यह सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि खुशहाली, एकता और समृद्धि का प्रतीक है।

ओणम 2025 कब है?

Onam 2025 इस वर्ष अगस्त-सितंबर के बीच मनाया जाएगा (मलयालम कैलेंडर के अनुसार चिंगम मास में)। यह त्योहार लगभग 10 दिनों तक चलता है और पूरे केरल में उत्साह का माहौल रहता है।

ओणम का इतिहास और महत्व

कहानी के अनुसार, ओणम का पर्व महान राजा महाबली की स्मृति में मनाया जाता है। माना जाता है कि ओणम के समय महाबली अपने प्रजा से मिलने पृथ्वी पर आते हैं। इसी वजह से इसे समृद्धि और खुशियों का त्योहार कहा जाता है।

ओणम की खास परंपराएँ

  • पुक्कलम (फूलों की सजावट): रंग-बिरंगे फूलों से बनाई गई खूबसूरत डिज़ाइन हर घर को सजाती है।
  • ओणम साध्या (भव्य भोज): केले के पत्ते पर परोसा जाने वाला शाकाहारी भोजन, जिसमें 25 से अधिक व्यंजन शामिल होते हैं।
  • वल्लमकली (नौका दौड़): केरल की नदियों में होने वाली प्रसिद्ध स्नेक बोट रेस ओणम का मुख्य आकर्षण है।
  • तिरुवाथिरा नृत्य और संगीत: महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में समूह नृत्य प्रस्तुत करती हैं।

आधुनिक दौर में ओणम का जश्न

आज ओणम सिर्फ केरल तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारत और दुनिया भर में बसे मलयाली समुदाय इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं। सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर भी Onam 2025 celebrations को खास जगह मिलती है।

निष्कर्ष

ओणम 2025 सिर्फ त्योहार नहीं बल्कि एक संदेश है –
खुशहाली बाँटें, परंपराओं को संजोएँ और मिलकर जीवन का उत्सव मनाएँ।


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